महासुदर्शन चूर्ण के गुण उपयोग फायदे एवं नुकसान Mahasudarshan Churna ke fayde or nuksaan

महासुदर्शन चूर्ण क्या है? Mahasudarshan Churna kya hai?

महासुदर्शन चूर्ण एक आयुर्वेदिक औषधि है जो मुख्य रूप से रक्त में से विषैले पदार्थों को दूर करती है, बुखार सही करती हैं एवं पाचन तंत्र पर अपना सकारात्मक प्रभाव दिखाती है । महासुदर्शन चूर्ण में एंटीमलेरियल, एंटीपायरेटिक तथा एंटीवायरल गुण मौजूद होते हैं ।

यह चूर्ण हमारे शरीर में बैक्टीरिया एवं वायरस के संक्रमण को दूर करता है तथा हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है ।

बुखार चाहे किसी भी कारण से हुआ हो, चाहे बुखार वात एवं पित्त के कारण पैदा हुआ हो या वात, पित्त और कफ के कारण पैदा हुआ हो दोनों ही स्थितियों में इस चूर्ण का सेवन करने से लाभ होता है ।

यह चूर्ण पुरुषों, स्त्रियों, गर्भवती महिलाओं, प्रसूता महिलाओं एवं बच्चों को दिया जा सकता है । यह एक सुरक्षित तथा हर्बल आयुर्वेदिक औषधि है जिसका सामान्यतः कोई दुष्प्रभाव नहीं है ।

महासुदर्शन चूर्ण इन हिंदी Mahasudarshan Churna in hindi

जब रोगी की पाचन शक्ति बहुत ज्यादा कमजोर हो जाती है तो ऐसे व्यक्ति का भोजन हजम नहीं होता है तथा भोजन हजम होने के बजाय पेट में सड़ता है । जिससे भोजन से आमविश उत्पन्न होता है जिस कारण रोगी को कभी-कभी बुखार भी हो जाता है ।

महासुदर्शन चूर्ण का सेवन करने से आम प्रकोप नष्ट होता है तथा यह चूर्ण पेट एवं आंतों को शुद्ध करता है एवं शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकालकर बुखार को दूर करता है ।

बुखार दो प्रकार का होता है नूतन ज्वर तथा जीर्ण ज्वर । जब बुखार 21 दिन से ज्यादा पुराना हो जाए तो उसे जीर्ण ज्वर कहा जाता है । दोनों ही स्थितियों में महासुदर्शन चूर्ण को देने से लाभ मिलता है ।

यदि कोई रोगी टाइफाइड ठीक होने के पश्चात अपना आहार विहार सही ना रखें तो ऐसे रोगी को बुखार दोबारा आ जाता है, जिससे रोगी और ज्यादा कमजोर हो जाता है तथा बुखार के कारण रोगी की भूख भी खत्म हो जाती है । इस स्थिति में महासुदर्शन चूर्ण को देने से बहुत अच्छा लाभ मिलता है ।

महासुदर्शन चूर्ण का सेवन करने से पसीना खूब आता है जिस कारण यह बुखार को बहुत जल्दी उतार देता है । यह मूत्रल है अर्थात इसका सेवन करने से मूत्र बहुत ज्यादा आता है ।

यह चूर्ण सभी प्रकार के बुखारो, मलेरिया, डेंगू, स्वाइन फ्लू, टाइफाइड, पुराना बुखार, सन्निपात ज्वर, विषम ज्वर, आम ज्वर एवं लीवर तथा स्पलीन के रोगों के कारण पैदा होने वाला ज्वर, शीत ज्वर, पाक्षिक ज्वर एवं मासिक ज्वर आदि में सफलतापूर्वक सेवन कराया जाता है । यह चूर्ण जिगर एवं तिल्ली से जुड़े हुए रोगों में भी फायदेमंद होता है ।

महासुदर्शन चूर्ण के चिकित्सकिय गुण Mahasudarshan Churna ke upyog

  • शीतल
  • पाचक
  • कृमिनाशक
  • ज्वरनाशक
  • एंटीबैक्टीरियल
  • एंटीवायराल
  • एंटीमलेरियल
  • एंटीऑक्सीडेंट
  • रक्तशोधक
  • विरेचक

महासुदर्शन चूर्ण के घटक द्रव्य Mahasudarshan Churna ke ghatak dravy

चिरायतासौरास्ट्री
त्रिफलावच
हरिद्रात्वक
दरहरिद्रपद्मका
कंटकारीश्वेतचन्दना
बृहतीअतिविष
कर्चूराबला
सुण्ठीशालपर्णी
मरीचापृश्निपर्णी
पिप्पलीविडंग
मूर्वाटगर
गुडुचीचित्रक
धन्वायसादेवदारु
कटुकाचव्य
पर्पटपटोल
मोथालवंग
त्रयमाणावंशलोचन
हृवेराकमला
नीम छालअश्वगंधा
पुष्करतेजपत्र
मुलेठीजटीफला स्थौणेया
कुटजविदारीकन्द
यवनीकिरततिक्ता
इंद्रायवाशिग्रु
भारंगी

महासुदर्शन चूर्ण के फायदे Mahasudarshan Churna ke fayde

  1. यह चूर्ण मलेरिया, टाइफाइड, स्वाइन फ्लू, पुराने बुखार, आम ज्वर, विषम ज्वर एवं अन्य विभिन्न प्रकार के ज्वर उतारने में फायदेमंद होता है ।
  2. यह हमारे शरीर में जीवाणुओं एवं वायरस को नष्ट करता है, क्योंकि इस चूर्ण में एंटीबैक्टीरियल तथा एंटीवायरल गुण मौजूद होते हैं ।
  3. यह जिगर एवं तिल्ली के रोगों में लाभ पहुंचाता है ।
  4. यह चूर्ण मूत्रल है अर्थात इसका सेवन करने से मूत्र अधिक आता है ।
  5. यह चूर्ण हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है ।
  6. तासीर में यह चूर्ण ठंडा है ।
  7. यह पाचक एवं कृमि नाशक होता है ।

सेवन विधि एवं मात्रा Sevan vidhi evam matra

महासुदर्शन चूर्ण को 3 ग्राम से लेकर 6 ग्राम तक दिन में दो बार गर्म पानी से लेना चाहिए । इस चूर्ण को भोजन के पश्चात ही लेना चाहिए । अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते है ।

सावधानियां एवं दुष्प्रभाव Savdhaniya evam dushprabhaav

निर्धारित मात्रा में सेवन करने से महासुदर्शन चूर्ण का कोई दुष्प्रभाव नहीं देखा गया है । इसे सभी उम्र के लोग, पुरुष, महिलाएं, बच्चे, बूढ़े, गर्भवती महिलाएं एवं प्रसूता के द्वारा लिया जा सकता है ।

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