चंदनासव सिरप के गुण उपयोग फायदे एवं नुक्सान Chandanasava Syrup uses and benefits in hindi

चंदनासव सिरप क्या है? Chandanasava Syrup in hindi 

चंदनासव सिरप एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसका प्रमुख घटक द्रव्य चंदन होता है, इसी कारण इस औषधि को चंदनासव कहा जाता है । यह औषधि तासीर में ठंडी होती है । अपने शीतल गुणों के कारण इस औषधि का सेवन करने से पुरुषों में धातु संबंधी समस्याएं जैसे पेशाब में वीर्य स्राव होना, पेशाब में जलन होना एवं मूत्र संस्थान के संक्रमण में यह औषधि बहुत अच्छा फायदा करती है ।

  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: आसव
  • मुख्य उपयोग: शुक्रमेह, यूरीनल इन्फेक्शन में फायदेमंद
  • मुख्य गुण: शीतल एवं पाचक

इसके अतिरिक्त महिलाओं में भी लिकोरिया अर्थात श्वेत प्रदर में यह औषधि लाभ पहुंचाती है । जिन लोगों के शरीर में उष्णता रहती हो, जिस कारण उनके हाथों पैरों में बहुत ज्यादा गर्मी रहती हो या जलन रहती हो ऐसी स्थिति में चंदनासव का सेवन करने से शरीर शीतल होता है एवं हाथों पैरों की गर्मी एवं जलन में राहत मिलती है ।

इसके अतिरिक्त यह औषधि शरीर में बनने वाली पथरी स्टोन के निर्माण को भी रोकने में मददगार होती है । साथ ही बढ़ती उम्र में हृदय की कमजोरी को दूर कर हृदय को नई ऊर्जा एवं बल प्रदान करती है । आइए इस औषधि के बारे में विस्तार से बात करते हैं ।

चंदनासव के घटक द्रव्य Chandanasava Syrup Ingredients

घटक द्रव्य का नाममात्रा
द्राक्षा960 ग्राम
धातकी पुष्प768 ग्राम
गुड2.4 किलो
शक्कर4.8 किलो
रास्ना48 ग्राम
पर्पट48 ग्राम
कचूर48 ग्राम
मुलेठी48 ग्राम
पटोलपत्र48 ग्राम
कांचनारत्वक48 ग्राम
मोचरस48 ग्राम
आम्रत्वक48 ग्राम
पद्मकाष्ठ48 ग्राम
मंजिष्ठ48 ग्राम
पाठा48 ग्राम
पिप्पली48 ग्राम
न्यग्रोध48 ग्राम
चिरायता48 ग्राम
रक्त चन्दन48 ग्राम
प्रियंगपुष्प48 ग्राम
लोध्रत्वक48 ग्राम
नीलकमल पुष्प48 ग्राम
गम्भारी48 ग्राम
नागरमोथा48 ग्राम
सुगंधबाला48 ग्राम
सफ़ेद चंदन48 ग्राम

चंदनासव बनाने की विधि How to prepare chandanasava syrup

चंदनासव एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसका निर्माण आसव विधि के द्वारा किया जाता है । चंदनासव का निर्माण करने के लिए एक मिट्टी का बड़ा पात्र लिया जाता है जैसे मिट्टी की बड़ी सी हांडी ।

इसके पश्चात इस पात्र में ऊपर बताई गई मात्रा के अनुसार पानी भर देते हैं और इस पानी में द्राक्षा, गुड एवं शक्कर को डाल देते हैं तथा इन द्रव्यों को पानी में अच्छी तरह मिला देते हैं । इसके पश्चात बाकी सभी जड़ी बूटियों को दरदरा कूट लेते हैं तथा इन्हें भी इस द्रव्य में मिला देते हैं ।

सबसे अंत में धातकी के पुष्पों को डाला जाता है और पात्र का मुख कपड़ा एवं मिट्टी से बंद कर देते हैं ताकि यह पात्र वायु रोधी हो जाए । इसके पश्चात इस पात्र को 1 माह के लिए किसी सुरक्षित स्थान पर रख देते हैं । एक माह के पश्चात चंदनासव बनकर तैयार हो जाता है ।

परीक्षण करने के पश्चात इसे कांच की बोतल में भरकर सुरक्षित रख लेते हैं । यदि आप व्यक्तिगत प्रयोग के लिए चंदनासव बनाना चाहते हैं तो आप इसे बनाने की बजाय बाजार से खरीद सकते हैं । यह बाजार में डाबर, बैद्यनाथ, धूतपापेश्वर एवं दिव्या पतंजलि जैसी कंपनियों के द्वारा बनाया जाता है ।

चन्दनासव के चिकित्सीय उपयोग Chandanasava benefits in Hindi

  • पेशाब में जलन होना
  • पथरी बनने में अवरोधक
  • गोनोरिया
  • शुक्रमेह
  • मूत्र पथ के सन्क्रमण

चंदनासव के फायदे Chandanasava Syrup uses in hindi

  • चन्दनासव एक आयुर्वेदिक औषधि है जिस की तासीर ठंडी होती है ।
  • यह शरीर में से अत्यधिक गर्मी एवं जलन को दूर कर शरीर को शीतलता प्रदान करती है ।
  • इसका सेवन करने से हाथों पैरों की जलन कम होती है ।
  • पेशाब में जलन होना, पेशाब रुक रुक कर आना, बार बार आना मैं लाभकारी ।
  • पेशाब के संक्रमण में लाभकारी ।
  • पेशाब के साथ धातु गिरना जिसे शुक्रमेह कहा जाता है मे लाभकारी । 
  • स्त्रियों के लिकोरिया अर्थात श्वेत प्रदर में लाभकारी ।
  • पथरी निर्माण को रोकने में लाभकारी ।
  • हृदय को बल प्रदान करने वाली औषधि ।
  • एंटीबैक्टीरियल गुणों से युक्त होने के कारण यह मूत्र संस्थान के साथ शरीर में बैक्टीरिया के संक्रमण को रोकती है ।
  • यह औषधि दीपन एवं पाचक है अर्थात इसका सेवन करने से यकृत को बल मिलता है एवं पाचन संस्थान सुदृढ़ हो जाता है ।
  • यह एक आयुर्वेदिक टॉनिक है जिसे सेवन करने से शरीर को ऊर्जा मिलती है ।

सेवन विधि एवं मात्रा

औषधीय मात्रा (Dosage)

बच्चे(10 वर्ष की आयु से ऊपर)10 से 15 मिलीलीटर
वयस्क20 से 30 मिलीलीटर

सेवन विधि (Directions)

दवा लेने का उचित समय (कब लें?)खाना खाने के बाद लें
दिन में कितनी बार लें?2 बार – सुबह और शाम
अनुपान (किस के साथ लें?)गुनगुने पानी के साथ
उपचार की अवधि (कितने समय तक लें)चिकित्सक की सलाह लें

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