वसंत कुसुमाकर रस क्या है संपूर्ण परिचय Vasant Kusumakar Ras in Hindi
वसंत कुसुमाकर रस (vasant kusumakar ras) आयुर्वेद की एक अनुपम दवा है जिसका कोई जवाब नहीं है । यह एक बहुमूल्य रसायन है, जिसमें स्वर्ण भस्म सहित अनेक महंगी औषधियां डाली जाती हैं । बसंत कुसुमाकर रस के नाम की बात करें तो इसका अर्थ इस प्रकार माना जाता है ।
वसंत एक ऋतु का नाम है तथा कुसुमाकर का अर्थ होता है पौधा । अर्थात ऐसा पौधा जो बसंत ऋतु में खिलता है । इसका अर्थ यह हुआ कि इस दवा के सेवन करने से शरीर में नई ऊर्जा और उमंग पैदा होती है जो जीवन में एक नया जोश लेकर आती है ।
वसंत कुसुमाकर रस को India में कई फेमस brands कि कंपनिया बनता है । इन कंपनियों में Dabur, Zandu, Baidyanath, Divya Patanjali एवं Himalya का नाम अग्रणी है । आप वसंत कुसुमाकर रस को नीचे दिए गए Links से भी मंगा सकते है ।
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वसंत कुसुमाकर रस पुरुषों की मर्दाना कमजोरी, नामर्दानगी, मधुमेह, हृदय रोग एवं मस्तिष्क रोग की एक बेहतरीन दवा है ।
जटिल और पुरानी समस्याओं में बसंत कुसुमाकर रस का सेवन कराना लाभदायक सिद्ध होता है । इस दवा के सेवन करने से ब्लड शुगर का स्तर सामान्य रहता है तथा तथा दिल और दिमाग भी संतुलित रहते हैं । यह दवा पाउडर और टेबलेट दोनों रूपों में उपलब्ध है । इस दवा का उपयोग योग्य चिकित्सक की देखरेख में ही किया जाना चाहिए ।
वसंत कुसुमाकर रस के घटक द्रव्य vasant kusumakar ras ingredients
वसंत कुसुमाकर रस में अनेक कीमती रस रसायन एवं जड़ी बूटियों डाली जाती हैं, जिनका विवरण इस प्रकार है ।
हत्का – स्वर्ण भस्म – 20 ग्रा.
चन्द्र – राजभाषा भस्म – 20 ग्रा.
वंगा भस्म – टिन कैलक्स – 30 ग्रा.
अहि – नागा भस्म – लीड कैलक्स – 30 ग्रा.
लोह भस्म – लोहा से तैयार भस्म – 30 ग्रा.
अभ्रक भस्म – शुद्ध और संसाधित माइका – 40 ग्रा.
प्रवाल भस्म – कोरल का भष्म (कैलक्स) – 40 ग्रा.
मुक्ता भस्म – भस्म (कैलक्स) ऑफ पर्ल – 40 ग्रा.
वसंत कुसुमाकर रस को बनाने की विधि How to prepare Vasant Kusumakar Ras
वसंत कुसुमाकर रस को बनाने की विधि इस प्रकार है । प्रवाल भस्म या प्रवाल पिष्टी, चंद्रोदय या रस सिंदूर, मोती पिष्टी या मोती भसम, अभ्रक भस्म प्रत्येक 4-4 तोला । चांदी भस्म, स्वर्ण भस्म प्रत्येक 2-2 तोला । लोह भस्म, नाग भस्म व् बंग भस्म प्रत्येक 3-3 तोला ।
इन सभी दवाइयों को लेकर गिलोय के रस,हल्दी का पानी, कमल के फूलो का रस, गन्ने का र स, मालती के फूलो का रस, शतावरी का रस, केले के तने का रस एवं भिगोये गए चन्दन का पानी । इन सब कि 7-7 बार भावना दें ।
भावना देते समय प्रत्येक बार 3 से 4 घंटे तक घोटे । सबसे अंत में भावना देते समय 2 तोला कस्तूरी मिलाये और 2 से 3 घटे तक घोटे । इसके बाद इसकी 1-1 रत्ती कि गोलिया बना लें ।
वसंत कुसुमाकर रस के फायदे और उपयोग Vasant Kusumakar Ras Uses in Hindi
मधुमेह में लाभकारी वसंत कुसुमाकर रस Vasant Kusumakar Ras Benefits in Diabetes
वसंत कुसुमाकर रस मधुमेह अर्थात डायबिटीज के लिए एक उत्तम औषधि है । यह मधुमेह की टाइप वन और टाइप टू दोनों प्रकार की शुगर को कंट्रोल करती है । क्योंकि इसमें एंटी हाईपरबुलाईसेमिक गुण पाया जाता है ।
मधुमेह का इलाज करते समय आप जो भी आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट ले रहे हैं उसमें वसंत कुसुमाकर रस का प्रयोग जरूर करना चाहिए । इस दवा का प्रयोग किसी योग्य चिकित्सक की देखरेख में ही करें ।
वसंत कुसुमाकर रस बलवर्धक, कामोत्तेजक, बाजीकरण और रसायन है जो सप्त धातु को पुष्ट कर शरीर को नई उर्जा और यौवन प्रदान करती हैं ।
क्योंकि वसंत कुसुमाकर रस में स्वर्ण भस्म, अभ्रक भस्म एवं रस सिंदूर प्रयोग किया जाता है, जिस कारण यह बलवर्धक होता है तथा अनेकों रोगों में लाभकारी सिद्ध होता है । स्त्रियों और पुरुषों के जननांगों से संबंधित रोगों जैसे कि मूत्र विकार एवं धातु विकार में यह दवा बहुत अच्छा कार्य करती है ।
बार बार पेशाब कि समस्या में लाभकारी वसंत कुसुमाकर रस Vasant Kusumakar Ras Benefits in Urinal Infections
इस दवा के सेवन करने से मधुमेह के साथ-साथ बहुमूत्र अर्थात बार बार पेशाब का आना, 26 प्रकार के प्रमेह, नामर्दी, महिलाओं के श्वेत प्रदर, योनि शोथ, रक्त प्रदर, गर्भाशय की खराबी होना, पुरुषों में वीर्य का पतला होना एवं अन्य धातु संबंधी समस्याओं में लाभ होता हैं, एवं शरीर में चुस्ती फुर्ती आती है ।
बार बार पेशाब आने कि समस्या में आप वसंत कुसुमाकर रस के साथ Baidyanath Chandraprabha Vati का प्रयोग भी कर सकते हैं । Baidyanath Chandraprabha Vati एक ऐसी आयुर्वेदिक ओषधि है जो वसंत कुसुमाकर रस के साथ बहुत अधिक फायदा करती है ।
अक्षय रोग में लाभकारी वसंत कुसुमाकर रस Vasant Kusumakar Ras Benefits in tuberculosis
बहुत अधिक वीर्य की हानि होने से यदि अक्षय रोग टीवी हो गया हो तो इस स्थिति में स्वर्ण भस्म का प्रयोग अमृत के समान होता है । इस दवा के सेवन करने से वृद्धा अवस्था में कमजोर पड़ गए फेफड़ों तथा हृदय को नई ताकत और ऊर्जा मिलती हैं ।
एनीमिया में लाभकारी वसंत कुसुमाकर रस Vasant Kusumakar Ras Benefits in anemia
पुराने रक्तपित्त, कफ एवं खांसी, सांस लेने में दिक्कत होना, खून की कमी एवं वृद्धावस्था में आई हुई कमजोरी इस दवा के सेवन करने से दूर हो जाती है । यह ओषधि मधुमेह अर्थात शुगर की एक प्रसिद्ध ओषधि है ।
शीघ्रपतन में लाभकारी वसंत कुसुमाकर रस Vasant Kusumakar Ras Benefits in Premature Ejaculation
कम उम्र में गलत संगत में पड़ जाने के कारण जो नवयुवक अप्राकृतिक ढंग से अर्थात हस्तमैथुन, मुखमैथुन या गुदामैथुन करके अपना सत्यानाश कर चुके हो, या जो विवाहित पुरुष बहुत ज्यादा स्त्री संभोग करके थक चुके हो ।
जिनका वीर्य पतला पड़ गया हो, शीघ्रपतन की समस्या हो गई हो, जिन्हें स्त्री का चिंतन करते ही लिंग में से वीर्य शराब होना शुरू हो जाता हो ऐसी स्थिति में यदि वसंत कुसुमाकर रस का सेवन किया जाए तो लाभ बहुत ही शीघ्र होता है ।
वसंत कुसुमाकर रस में ऐसी औषधियां पड़ी होती हैं जो अंडकोष तथा वीर्य वाहिनी शिराओं में ताकत पहुंचाती हैं, जिससे इन शिराओं में वीर्य को रोकने की शक्ति आ जाती है । जिस कारण स्वपनदोष, शीघ्रपतन एवं धातु का गिरना जैसी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं ।
नकसीर रोग में लाभकारी वसंत कुसुमाकर रस Vasant Kusumakar Ras Benefits in Nose Bleeding
कुछ लोगों को यह समस्या होती है कि यदि वे धूप में ज्यादा चल फिर ले या खाने पीने में गर्म तासीर की वस्तुओं का सेवन कर लें, तो उनकी नाक में से खून आना शुरू हो जाता है जिसे नकसीर फूटना, नकसीर आना या नक्की छूटना आदि के नाम से जाना जाता है ।
ऐसी समस्या में बसंत कुसुमाकर रस को आंवले के मुरब्बे या गुलकंद के साथ सेवन करने से तत्काल आराम पहुंचता है ।
मासिक धर्म के रोगों में लाभकारी वसंत कुसुमाकर रस Vasant Kusumakar Ras Benefits in menstrual problems
कुछ महिलाओं को मासिक धर्म के समय बहुत ज्यादा दर्द होता है एवं रक्त स्राव भी आवश्यकता से अधिक होता है । तथा यह रक्त स्राव कई कई दिनों तक चलता रहता है । ऐसी स्थिति में वसंत कुसुमाकर रस का सेवन करना लाभदायक होता है ।
पतले खून कि समस्या में लाभकारी वसंत कुसुमाकर रस Vasant Kusumakar Ras Benefits in thin blood
जिन लोगों का खून बहुत ज्यादा पतला होता है उनको चोट लगने पर या किसी धारदार हथियार से कटने पर खून का स्राव लगातार होता रहता है । ऐसी स्थिति में वसंत कुसुमाकर रस का प्रयोग करने से खून गाढ़ा होता है एवं इस प्रकार की समस्या जल्दी ठीक हो जाती है ।
वृधावस्था के रोगों में लाभकारी वसंत कुसुमाकर रस Vasant Kusumakar Ras Benefits in old age problems
वृद्धावस्था में इंद्रियों के शिथिल होने के कारण सबसे पहले आते कमजोर होती हैं, उसके पश्चात अपच की समस्या पैदा हो जाती है, अपच के कारण हृदय और फेफड़ों पर बहुत ज्यादा नकारात्मक प्रभाव पड़ता है । जिस कारण व्यक्ति को सांस की समस्या पैदा हो जाती है ।
साथ साथ अन्य कई भयंकर समस्याएं पैदा हो जाती है, जिस कारण व्यक्ति को बहुत ज्यादा पीड़ा उठानी पड़ती है । ऐसी स्थिति में वसंत कुसुमाकर रस का प्रयोग अभ्रक भस्म के साथ कराने से बहुत ज्यादा लाभ प्राप्त होता है ।
इस दवा के सेवन करने से इंद्रियों को नई शक्ति और ऊर्जा प्राप्त होती है, सप्त धातु पुष्ट होती हैं, दिल तथा दिमाग को ताकत मिलती है, धातु विकार एवं मूत्र विकार में लाभ मिलता है, चेहरे की रौनक बढ़ती है, खाया पिया लगता है तथा स्वास्थ्य संतुलित रहता है । इस दवा का सेवन चिकित्सक के परामर्श अनुसार ही करना चाहिए ।
वसंत कुसुमाकर रस के नुकसान Vasant Kusumakar Ras Side Effects
वसंत कुसुमाकर रस में स्वर्ण भसम के अतिरिक्त अन्य ऐसे रसायन होते हैं जो केवल गंभीर बीमारियों में ही प्रयोग किए जाते हैं । इसलिए इस दवा का सेवन कभी भी अपनी मर्जी से नहीं करना चाहिए । इस दवा का सेवन किसी योग्य चिकित्सक की देखरेख में ही करना चाहिए ।
वसंत कुसुमाकर रस दवा की एक निश्चित मात्रा एक निश्चित समय तक ही सेवन करनी चाहिए । इस दवा का प्रयोग गर्भावस्था के दौरान या ऐसी महिलाओं को जो शिशु को स्तनपान करा रही हो उन्हें नहीं करना चाहिए । इस दवा को बच्चों की पहुंच से दूर रखना चाहिए । इस दवा को ठंडी एवं सुखी जगह में ही रखना चाहिए ।
वसंत कुसुमाकर रस को लेने की सेवन विधि, मात्रा और अनुपान Vasant Kusumakar Ras Dosage and Directions
मात्रा – एक गोली सुबह शाम ।
अनुपान – स्वपनदोष, शीघ्रपतन, नपुंसकता तथा वीर्य स्राव में गर्म दूध के साथ, मस्तिष्क तथा स्मरण शक्ति के लिए आंवले के मुरब्बे के साथ दें ।
रक्तपित्त एवं रक्त प्रदर, श्वेत प्रदर में शहद और वांसा रस के साथ दें । टीवी तथा दमा श्वास में 64 प्रहरी पीपल के साथ शहद मिलाकर दें ।
अम्लपित्त में कुष्मांड अभिनय के साथ एवं हृदय संबंधित समस्याओं में अर्जुन के छाल के क्वाथ के साथ दें ।
मधुमेह में जामुन की गुठली के चूर्ण एवं शिलाजीत के साथ देने पर लाभ मिलता है ।
इस प्रकार वसंत कुसुमाकर रस का सेवन सही अनुपात एवं विधि के साथ करने पर ही इसका पूरा लाभ मिलता है ।
वसंत कुसुमाकर रस से संबंधित कुछ प्रश्न Some important questions regarding Vasant Kusumakar Ras
क्या वसंत कुसुमाकर रस को शराब के साथ सेवन कर सकते हैं ?
नहीं वसंत कुसुमाकर रस को शराब के साथ नहीं लेना चाहिए । इस दवा को दूध शहद या मलाई के साथ लेना चाहिए ।
क्या वसंत कुसुमाकर रस को ड्राइविंग करने से पहले लिया जा सकता है ?
नहीं वसंत कुसुमाकर रस को ड्राइविंग करने से पहले नहीं लेना चाहिए । क्योंकि कभी-कभी इस दवा के सेवन करने से चक्कर आना, सिर दर्द होना या रक्तचाप का घटना यानी कम होना जैसी समस्याएं हो सकते हैं । इसलिए गाड़ी चलाना सुरक्षित नहीं होगा ।
क्या वसंत कुसुमाकर रस को लगातार लेने से नशे की आदत पड़ सकती है ?
नहीं । वसंत कुसुमाकर रस को लेने से किसी प्रकार की लत नहीं पड़ती है ।
क्या जल्दी लाभ उठाने के लिए वसंत कुसुमाकर रस की अधिक मात्रा ली जा सकती है ?
नहीं । वसंत कुसुमाकर रस को एक निश्चित मात्रा में निश्चित अवधि के लिए ही लेना चाहिए । अधिक जानकारी के लिए आप अपने चिकित्सक से संपर्क करें ।
बसंत कुसुमाकर रस को दिन में कितनी बार लिया जा सकता है ?
वसंत कुसुमाकर रस की एक खुराक 125 मिलीग्राम से 250 मिलीग्राम तक होती है । दिन में दो खुराक लेना सुरक्षित होता है । अधिक जानकारी के लिए आप अपने चिकित्सक से संपर्क करें ।
क्या गर्भावस्था के दौरान बसंत कुसुमाकर रस को लिया जा सकता है ?
गर्भावस्था के दौरान वसंत कुसुमाकर रस को लेना सुरक्षित नहीं हो सकता है ।
क्या स्तनपान के दौरान बसंत कुसुमाकर रस को लेना सुरक्षित होता है ?
स्तनपान के दौरान वसंत कुसुमाकर रस को लेना सुरक्षित नहीं हो सकता है । अधिक जानकारी के लिए अपने चिकित्सक से संपर्क करें ।
क्या वसंत कुसुमाकर रस में चीनी होती है ?
हां । वसंत कुसुमाकर रस में चीनी होती है ।
मधुमेह के उपचार के लिए क्या वसंत कुसुमाकर रस को लिया जा सकता है ?
मधुमेह यानी डायबिटीज के उपचार के लिए वसंत कुसुमाकर रस से अच्छी कोई अन्य दवाई हो ही नहीं सकती है । वसंत कुसुमाकर रस प्राकृतिक रूप से रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करती है ।
मधुमेह के कारण आई हुई कमजोरी तथा वजन के घटने की स्थिति में वसंत कुसुमाकर रस के प्रयोग से बहुत ज्यादा लाभ देखा गया है । वसंत कुसुमाकर रस का प्रयोग करने से शारीरिक शक्ति बढ़ती है, सप्त धातुएं पुष्ट होती हैं तथा शरीर को नई ताकत और ऊर्जा की प्राप्ति होती है ।
वसंत कुसुमाकर रस का मूल्य Vasant Kusumakar Ras Price
वसंत कुसुमाकर रस अलग अलग ब्रांड की कंपनियां बनाती हैं जैसे Dabur, Baidyanath, Divya Patanjali, Zandu । वसंत कुसुमाकर रस का मूल्य अलग-अलग ब्लड की कंपनियों के लिए अलग अलग हो सकता है । नीचे हमने कुछ लिंक दिए हैं । आप इन लिंक पर जाकर वसंत कुसुमाकर रस के मूल्य की जानकारी ले सकते हैं ।
डाबर वसंत कुसुमाकर रस 10 ग्राम –
बैद्यनाथ वसंत कुसुमाकर रस 100 टेबलेट –
झंडू वसंत कुसुमाकर रस