पुनर्नवारिष्ट क्या है? Punarnavarishta kya hai?
यह एक आयुर्वेदिक एवं हर्बल औषधि है जो आयुर्वेद में शास्त्रोक्त विधि से तैयार की जाती है । इस औषधि को अरिष्ट विधि से तैयार किया जाता है । यह औषधि यकृत अर्थात लीवर एवं तिल्ली की बीमारियों के लिए सर्वश्रेष्ठ औषधि है ।
इसके अतिरिक्त सामान्य दुर्बलता, हाथों पैरों में दर्द रहना, रक्तचाप का अनियमित रहना, हृदय रोग, भगंदर, बवासीर, त्वचा के रोग एवं बुखार इत्यादि में इस औषधि का सेवन किया जाता है ।
जैसा कि इस औषधि के नाम से ही पता चलता है कि इस औषधि का प्रमुख घटक द्रव्य पुनर्नवा होता है जिस कारण यह औषधि यकृत एवं तिल्ली के रोगों में बहुत अधिक प्रभावशाली होती है । यह दवा जीवनी शक्ति को बढ़ाने वाली एवं सप्त धातु को पुष्ट करने वाली होती है ।
इस औषधि का सेवन करने से गुर्दों को बल प्राप्त होता है । इस औषधि को सेवन करते समय आपको अपने भोजन में पौष्टिक आहार फल दूध इत्यादि का सेवन पर्याप्त मात्रा में करना चाहिए तथा तली भुनी मसालेदार चटपटी एवं देर से पचने वाली वस्तुओं को नहीं खाना चाहिए ।
पुनर्नवारिष्ट के घटक द्रव्य Punarnavarishta ke ghatak dravy
- Shveta Punarnava सफ़ेद पुनर्नवा Boerhavia verticillata Rt. 144 g
- Rakta Punarnava रक्त पुनर्नवा Boerhavia diffusa Rt. 144 g
- Bala बला Sida cordifolia Rt. 144 g
- Atibala अतिबला Abutilon indicum Rt. 144 g
- Patha पाठा Cissampelos pareira Rt. 144 g
- Vasa वासा Adhatoda vasica Rt. 144 g
- Guduci गिलोय Tinospora cordifolia St. 144 g
- Citraka चित्रक Plumbago zeylanica Rt. 144 g
- Nidigdhika (Kantakari) कंटकारी Solanum surattense Pl. 144 g
- Jala पानी for decoction Water 12.288 liter reduced to 6.144 liter
- Guda पुराना गुड़ Jaggery 9.6 kg
- Madhu शहद Honey 768 g
प्रक्षेप द्रव्य
- Hema (Nagakeshara) नागकेशर Mesua ferrea Stmn. 24 g
- Tvak दालचीनी Cinnamomum zeylanicum St. Bk. 24 g
- Ela इलाइची (Sukshmaila) Elettaria cardamomum Sd. 24 g
- Marica काली मिर्च Piper nigrum Fr. 24 g
- Ambu (Hrivera) अम्बु Coleus vettiveroides Rt. 24 g
- Patra (Tejapatra) तेजपत्र Cinnamomum tamala Lf. 24 g
Lf. =Leaf; P. =Pericarp; P. = Whole plant; Rt. =Root; Fr. =Fruit; Rz. =Rhizome; St. =Stem; Fl. Bd. =Flower Bud.
पुनर्नवारिष्ट के औषधीय गुण धर्म
- यकृत के लिए सर्वोत्तम टॉनिक ।
- यकृत की बीमारियों जैसे पीलिया एवं रक्ताल्पता एनीमिया में लाभकारी ।
- जलोदर एवं सर्वांग शोथ में लाभकारी ।
- भगंदर एवं बवासीर में लाभकारी ।
- उदर रोगों में लाभकारी ।
पुनर्नवारिष्ट के फायदे Punarnavarishta ke fayde
- पुनर्नवारिष्ट का सबसे प्रमुख फायदा यकृत अर्थात लीवर की बीमारियों को दूर करना होता है ।
- पीलिया तथा एनीमिया जैसी बीमारी में इस औषधि का सेवन करने से लाभ मिलता है ।
- डेंगू बुखार एवं जीर्ण ज्वर में यह औषधि अच्छा कार्य करती है ।
- इसके अतिरिक्त बार बार पेशाब आना एवं पेशाब में जलन होना जैसी मूत्र संक्रमण में लाभकारी होती है ।
- सर्वांग शोथ अर्थात पूरे शरीर में सूजन को दूर करने में लाभकारी होती है ।
- पेट में दर्द, उल्टी, जी मिचलाना आदि में लाभकारी ।
- भूख ना लगना मे लाभकारी ।
सेवन विधि एवं मात्रा
औषधीय मात्रा (Dosage)
बच्चे(5 वर्ष की आयु से ऊपर) | 6 से 12 मिलीलीटर |
वयस्क | 12 से 24 मिलीलीटर |
सेवन विधि (Directions)
दवा लेने का उचित समय (कब लें?) | खाना खाने के बाद लें |
दिन में कितनी बार लें? | 2 बार – सुबह और शाम |
अनुपान (किस के साथ लें?) | गुनगुने पानी के साथ |
उपचार की अवधि (कितने समय तक लें) | चिकित्सक की सलाह लें |
सावधानियां Saavdhaniyan
सामान्यता इस औषधि का कोई दुष्प्रभाव नहीं है लेकिन फिर भी आप इस औषधि को अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही सेवन करें ।
कहाँ से खरीदें? Where to buy?
आप इस दवा को सभी फार्मेसी दुकानों पर या ऑनलाइन खरीद सकते हैं।
This medicine is manufactured by Dabur, Shree Baidyanath Ayurved Bhawan, Patanjali Divya Pharmacy, Shri Bajranga Ayurved Bhawanand some many other Ayurvedic pharmacies.