कर्पूरासव क्या है? What is Karpoorasava (Karpurasava) in hindi
कर्पूरासव (Karpoorasava (Karpurasava)) एक आयुर्वेदिक औषधि है जो मुख्य रूप से विसूचिका अर्थात हैजा तथा अतिसार अर्थात डायरिया की मुख्य ओषधि है । इस रोग में इस औषधि की कुछ बूंदे ही रोगी को दी जाती हैं जिससे रोगी को बड़ी जल्दी आराम मिलता है ।
जैसा कि इस औषधि के नाम से ही पता चलता है की इस औषधि में कपूर मुख्य ओषधि के रूप में मौजूद होता है । कपूर के अलावा इस औषधि में मोठा, सोंठ, काली मिर्च तथा कुछ अन्य जड़ी बूटियों होती हैं । यह ओषधि बाजार में बनी बनाई ही उपलब्ध है ।
कर्पूरासव के घटक द्रव्य Karpoorasava (Karpurasava) ingredients in hindi
कर्पूरासव में निम्न ओषधियाँ मोजूद होती हैं
- प्रसन्ना 4.800 लीटर
- कपूर 384 ग्राम
- एला 48 ग्राम
- मोथा 48 ग्राम
- सोंठ 48 ग्राम
- यवनी 48 ग्राम
- काली मिर्च 48 ग्राम
कर्पूरासव के चिकित्सकीय संकेत | Karpurasava medicinal uses in Hindi
कर्पूरासव कफ विकारों का प्रबंधन करती है।। यह विसूचिका गैस्ट्रो-एंटरटाइटिस कोलेरा और अपचन में फायदेमंद है। यह डायरिया में लाभप्रद है।
- दस्त
- गैस्ट्रो-एंटरटाइटिस
- उदररोग
- कफ-विकार
कर्पूरासव के फायदे Karpoorasava (Karpurasava) Uses in hindi
कर्पूरासव को निम्न रोगों में सफलतापूर्वक प्रयोग किया जाता है
हैजा एवं डायरिया में लाभकारी
जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया इस औषधि का सबसे प्रमुख फायदा हैजा एवं डायरिया में किया जाता है । यह औषधि हैजा एवं डायरिया के बैक्टीरिया को नष्ट कर देती है एवं तत्काल अपना प्रभाव दिखाती है । यह ओषधि हैजा एवं दायरिया के शुरुआती मामलों में ज्यादा प्रभावी होती है । यदि स्थिति नियंत्रण में ना आए तो तुरंत ही डॉक्टर से मिलना चाहिए ।
दांत दर्द में लाभकारी
यदि दांत या जड़ में दर्द हो रहा हो तो ऐसी स्थिति में कर्पूरासव को रूई में भिगोकर दांत पर लगाएं या दाढ़ के नीचे दबा कर रखे । इससे कुछ ही समय में दर्द कम हो जाता है ।
कर्पूरासव के अन्य फायदे
कर्पूरासव एक पाचक, एंटीडायरियाल, एंटी कोलेरा, वमन रोधी एवं एनाल्जेसिक दवा है, जो वमन, उल्टी, हैजा एवं मंदाग्नि में बहुत अच्छा लाभ दिखाती है ।
मात्रा एवं सेवन विधि
- यदि हैजा या अतिसार की तीव्रता बहुत अधिक हो तो शुरुआती मामलों में कर्पूरासव की 20 बूंद की मात्रा प्रत्येक 1 घंटे बाद दे सकते हैं ।
- आराम मिलने पर इसकी मात्रा को घटाकर 5 से 10 बूंद तक किया जाता है ।
- रोगी को पीने के लिए पानी को उबालकर ठंडा करने के पश्चात ही दें ।
- इस औषधि को 5 साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं देना चाहिए तथा 5 साल से अधिक उम्र के बच्चों को भी डॉक्टर की सलाह के बाद ही इस दवा को देना चाहिए ।
सावधानियां एवं दुष्प्रभाव
इस औषधि की अधिक मात्रा लेने पर गैस्ट्राइटिस एवं अन्य समस्याएं हो सकती हैं । गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं एवं छोटे बच्चों को इस औषधि का सेवन नहीं करना चाहिए । इस औषधि को चिकित्सक के परामर्श अनुसार ही लेना चाहिए ।
कर्पूरासव के साइड इफेक्ट
कर्पूरासव के निम्नलिखित साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं ।
- पेशाब में जलन
- पेट में जलन
- पेट में दर्द
- चक्कर आना आदि।