दन्त्यारिष्ट क्या है? What is Dantyarishta (Dantyarishtam) in hindi
दन्त्यारिष्ट (Dantyarishta (Dantyarishtam)) एक आयुर्वेदिक औषधि है जो मुख्य रूप से खूनी बवासीर(रक्तार्श), पुरानी कब्ज, अरुचि, ग्रहणी रोग, पाचन तंत्र की कमजोरी, पांडु रोग (पीलिया), कुष्ठ रोग, प्लीहा विकार, राज्यक्षमा(टीबी), उल्टी (छरदी), कृमि रोग, त्वचा रोग एवं पेट के कीड़ों से संबंधित समस्याओं में सफलतापूर्वक प्रयोग की जाती है ।
जैसा कि इस औषधि के नाम से ही प्रकट होता है किस औषधि में मुख्य घटक दंतिमूल होता है । दंतीमूल के अतिरिक्त इस औषधि में दशमूल, चित्रक एवं त्रिफला भी मौजूद होता है जिस कारण यह औषधि पुरानी कब्ज, त्वचा एवं रक्त विकार तथा खूनी बवासीर में बहुत अच्छा फायदा दिखाती है ।
यह औषधि तासीर में गर्म होती है जिस कारण यह कफ नाशक होती है तथा पित्त में वृद्धि करती है । यह औषधि वात नाशक भी होती है । जिन लोगों को पित्त की समस्या हो उन्हें इस औषधि का सेवन सावधानीपूर्वक करना चाहिए ।
दन्त्यारिष्ट के घटक द्रव्य Dantyarishta (Dantyarishtam) ingredients in hindi
- दन्तीमूल Danti Baliospermum montanum Roots
- दशमूल Dashmula
- त्रिफला Triphala
- चित्रक Plumbago Zeylanica 8 Tola
दन्त्यारिष्ट के चिकित्सा उपयोग Dantyarishta (Dantyarishtam) benefits in hindi
इस ओषधि को निम्न समस्याओं में सफलता पूर्वक प्रयोग किया जाता है
- अर्श, पाइल्स piles
- पाचन की कमजोरी digestive weakness
- पुराना कब्ज़ chronic constipation
- ग्रहणी रोग malabsorbtion
- पांडु रोग anemia
- कुष्ठ skin diseases
- उदर रोग abdominal diseases
- शोथ swelling
- प्लीहा विकार diseases of spleen
- गुल्म रोग Gulma
- टीबी / राजयक्ष्मा Tuberculosis
- छर्दी vomiting
- कृमि रोग intestinal parasites
दन्त्यारिष्ट के फायदे Dantyarishta (Dantyarishtam) Uses in hindi
इस ओषधि के निम्न फायदे होते हैं
- यह विरेचक है।
- यह भेदक है।
- इसके सेवन से भोजन में रूचि बढ़ती है और पाचन ठीक होता है।
- यह कब्ज़ को दूर करती है।
- कब्ज़ के कारण पाइल्स / बवासीर में बहुत अधिक तकलीफ होती है, ऐसे में इसका सेवन मल को निकालने में मदद करता है, जिससे मोशन के दौरान दर्द कम होता है।
- इसके सेवन से शरीर में जमी गंदगी दूर होती है।
- यह खून को साफ़ करती है जिससे त्वचा रोगों में लाभ होता है।
दन्त्यारिष्ट की मात्रा एवं सेवन विधि
- यह आयुर्वेद का अरिष्ट है और इसे लेने की मात्रा 12-24 मिलीलीटर है।
- दवा को पानी की बराबर मात्रा के साथ-साथ मिलाकर लेना चाहिए।
- यह दस्तावर है इसलिए दिन में केवल एक या दो बार ही लें।
- या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
- इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।
सावधानियां एवं साइड इफेक्ट Dantyarishta (Dantyarishtam) Side Effects & Precautions in hindi
इस दवा को प्रयोग करते समय निम्न सावधानिय रखनी आवश्यक हैं
- इसे खाली पेट न लें।
- इसमें 5-10% self-generated अल्कोहल है।
- यह आयुर्वेद की आसव – अरिष्ट प्रकार की दवा है। इसमें किण्वन के दौरान अल्कोहल उत्पन्न होता है। यह अल्कोहल दवा के शरीर में सही से और जल्दी अवशोषण में मदद करती है।
- इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
- इसे ज्यादा मात्रा में न लें।
- गर्भावस्था में इसका सेवन न करें।
- इसे स्तनपान के दौरान न लें।
- छोटे बच्चों को यह न दें।
- 12 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को इसे डॉक्टर की सलाह पर दें।
- अधिक मात्रा में दंती का सेवन उलटी, दस्त और शरीर में दर्द कराता है।
- दवा के सेवन के अदुरान किसी भी प्रकार का साइड इफ़ेक्ट हो तो सेवन रोक दें।