बिल्वादि चूर्ण क्या है? Bilwadi Churna ke fayde
बिल्वादि चूर्ण एक हर्बल एवं आयुर्वेदिक औषधि है जो मुख्य रूप से डायरिया पेचिश एवं पाचन तंत्र से संबंधित अन्य जटिल रोगों के उपचार में प्रयोग की जाती है । बिल्वादि चूर्ण का मुख्य घटक कच्चे बेल के बीज होते हैं । कच्चे बेल के बीजों के अतिरिक्त इसमें अन्य जड़ी बूटियां भी मौजूद होती हैं । यह चूर्ण भोजन के पाचन एवं अवशोषण में मदद करता है ।
बिल्वादि चूर्ण में कच्चे बेल के बीजों के अतिरिक्त मोचरस, सोंठ, धाई, धनिया एवं सो जैसी जड़ी बूटियां मौजूद होती हैं । यह सभी जड़ी बूटियां पाचन तंत्र के लिए बहुत अधिक लाभदायक होती हैं । प्राचीन काल से ही हमारे देश के आयुर्वेद विशेषज्ञ कच्चे बेल की गिरी के चूर्ण को दस्त, अतिसार, विसूचिका एवं पेचिश जैसे रोगों के उपचार में प्रयोग करते आ रहे हैं । इन सभी लोगों में बिल्वादि चूर्ण कमाल का फायदा पहुंचाता है ।
बिल्वादि चूर्ण के घटक द्रव्य Bilwadi Churna ke ghatak dravy
- भांग Bhang Cannabis sativa 1 part
- बेल गिरी Bilwa Aegle marmelos 1 part
- मोचरस Mochras Salmalia malabarica 1 part
- सोंठ Sonth Zingiber officinalis 1 part
- धाई फूल Dhai phul Woodfordia fruticosa 1 part
- धनिया Dhaniya Coriander sativum 2 part
- सौंफ Saunf Foeniculum vulgare 4 part
बिल्वादि चूर्ण को बनाने की विधि
बिल्वादि चूर्ण को बनाने की विधि बहुत ही सरल है । यदि आपको बिल्वादि चूर्ण के सभी घटक द्रव्य प्राप्त हो जाएं तो आप इस चूर्ण को घर पर ही बड़ी आसानी से बना सकते हैं । इसको बनाने की विधि इस प्रकार है –
ऊपर बताए गए सभी जड़ी बूटियों को कूट पीसकर इन्हें अच्छी तरह मिला लें और किसी कांच या प्लास्टिक के बर्तन में भरकर रख लें । इसी का नाम बिल्वादि चूर्ण है ।
यहां आपको एक सावधानी रखनी है । बिल्वादि चूर्ण में केवल कच्चे बेल के बीजों का ही प्रयोग करते हैं, क्योंकि कच्चे बेल के बीजों में दस्त को रोकने के गुण होते हैं जबकि पके हुए बेल के बीज दस्तावर होता है, अर्थात इसका सेवन करने से दस्त ज्यादा आते हैं ।
बिल्वादि चूर्ण के औषधीय गुण Bilwadi Churna ke gun
बिल्वादि चूर्ण में निम्नलिखित औषधीय गुण मौजूद होते हैं ।
- पाचक एवं ग्राही
- एंटी डायरियल
- एंटीबैक्टीरियल
- एंटीसेप्टिक
- डाइजेस्टिव
बिल्वादि चूर्ण के फायदे Bilwadi Churna ke fayde
- बिल्वादि चूर्ण दस्त, पेचिश एवं डायरिया में बहुत अच्छा फायदा दिखाता है तथा यह चूर्ण इन रोगों की मुख्य औषधियों में से एक है ।
- यह चूर्ण पेट में से विषैले तत्व अर्थात टॉक्सिंस को निकाल देता है तथा पाचन शक्ति को मजबूत करता है ।
- यह चूर्ण दस्त, पेचिश एवं अतिसार का मुख्य कारण अमीबा एवं दूसरे विषाणु को नष्ट कर देता है, जिससे यह सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं ।
- पेचिश की समस्या में रोगी को मल के साथ सफेद तथा लाल म्यूकस आता है, इस समस्या में बिल्वादि चूर्ण से बहुत अच्छा लाभ मिलता है ।
- यदि पेचिश में खून के साथ दस्त आते हो, पेट में मरोड़ होता हो तो इस चूर्ण का सेवन कराना चाहिए ।
- यह चूर्ण शरीर में एसिड तथा बेस के संतुलन को बनाने में मददगार होता है ।
सेवन विधि एवं मात्रा Dosage & Directions in hindi
दिन में दो से तीन बार 3 – 3 ग्राम की मात्रा में ताजे पानी या अनार के रस या छाछ के साथ ।
सावधानियां एवं दुष्प्रभाव Precautions & Side Effects in hindi
- इस औषधि में भांग मौजूद होती है इसलिए इस औषधि की अधिक मात्रा को सेवन नहीं करना चाहिए ।
- बच्चों को एवं गर्भवती महिलाओं को इस औषधि का सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं कराना चाहिए ।
- इस औषधि में भांग होने के कारण इसका सेवन करने के पश्चात नींद आ सकती है जिससे घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है ।
निर्माता
This medicine is manufactured by Baidyanath (Bilwadi Churna), Patanjali Divya Pharmacy (Divya Bilwadi Churna) and many other Ayurvedic pharmacies.
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