भृंगराजासव सिरप क्या है? Bhringrajasava Syrup in hindi
भृंगराजासव एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसका निर्माण भृंगराज एवं अन्य आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से किया जाता है । इस औषधि का सेवन करने से आंखों की समस्याएं तथा बालों का असमय सफेद होने जैसी समस्याओं में बहुत अच्छा लाभ मिलता है ।
- उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
- दवाई का प्रकार: आसव
- मुख्य उपयोग: कमजोरी, सांस के रोग, पाचन की दिक्कतें, बालों की आम समस्याएं
- मुख्य गुण: कफ और वात को संतुलित करना
यह औषधि शारीरिक कमजोरी को दूर करती है तथा कफ जनित रोगों के साथ-साथ खांसी व जुखाम को भी दूर करती हैं । इस औषधि का सेवन करने से यकृत अर्थात लीवर को बल मिलता है जिससे लीवर सही कार्य करता है ।
जैसा कि इस औषधि के नाम से ही पता चलता है कि इस औषधि का प्रमुख घटक द्रव्य भृंगराज है, जो कि एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है । भृंगराज को अन्य कई नामों से भी जाना जाता है जैसे भांगरा, भांगरिया, केशराज, भृंग इत्यादि ।
डाबर भृंगराजासव सिरप Dabur Bhringrajasava Syrup
भृंगराज एक ऐसी जड़ी बूटी है जो मुख्य रूप से आंखों एवं मस्तिष्क से जुड़ी हुई समस्याओं पर अपना सकारात्मक प्रभाव दिखाती है । यदि बहुत ज्यादा मानसिक तनाव एवं सोचने अर्थात चिंता के कारण असमय बाल सफेद हो गए हो तो इस औषधि का सेवन करने से असमय सफेद हुए बाल काले होने लगते हैं ।
इसके अतिरिक्त भृंगराज को खून की कमी अर्थात एनीमिया, खांसी, पेट फूलना, पेट का दर्द, लीवर के संक्रमण, चक्कर आना आदि रोगों में भी प्रयोग किया जाता है, क्योंकि यह सभी रोग लीवर से संबंधित हैं और इस औषधि का सेवन करने से लीवर दुरुस्त हो जाता है जिससे यह सभी लोग धीरे-धीरे दूर होने लगते हैं ।
भृंगराजासव सिरप के घटक द्रव्य Bhringrajasava Syrup ingredients in hindi
घटक | मात्रा |
भृंगराज (Bhringraj) | 2460 भाग |
गुड़ (Jaggery) | 1000 भाग |
हरीतकी या हरड़ | 40 भाग |
पिप्पली | 10 भाग |
जायफल | 10 भाग |
लौंग | 10 भाग |
दालचीनी | 10 भाग |
इलायची (Elachi – Green cardamom) – Elettaria Cardamomum) | 10 भाग |
तेजपत्ता (Tejpata – Cinnamomum Tamala) | 10 भाग |
नागकेशर | 10 भाग |
भृंगराजासव सिरप के फायदे Bhringrajasava Syrup uses in hindi
- भृंगराज आसव एक टॉनिक है जिसका सेवन करने से असमय बाल सफेद होने जैसी समस्या में फायदा मिलता है ।
- इसका सेवन करने से सप्त धातु पुष्ट होती हैं एवं शरीर को बल प्राप्त होता है ।
- इसका सेवन करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है ।
- यह ओषधि इम्यूनिटी सिस्टम को भी बढ़ाती है, जिससे व्यक्ति को बार-बार होने वाले नजला जुखाम, खांसी जैसी समस्या में लाभ मिलता है ।
- यह ओषधि यकृत अर्थात लीवर को बहुत ज्यादा बल प्रदान करती है, जिससे लीवर से संबंधित समस्याएं जैसे एनीमिया, पीलिया, भूख ना लगना एवं पाचन संस्थान की गड़बड़ी समस्या में बहुत ज्यादा लाभ मिलता है ।
- इस औषधि का सेवन करने से रक्त साफ होता है ।
चिकित्सकीय उपयोग Bhringrajasava Syrup benefits in hindi
- नेत्र रोग स्मृति विकार
- असमय बालों का सफेद होना
- यकृत विकार
- क्षय रोग एवं टीवी रोग
- बार-बार नजला जुखाम होना
सेवन विधि एवं मात्रा
औषधीय मात्रा (Dosage)
बच्चे(5 वर्ष की आयु से ऊपर) | 1 से 2.5 मिलीलीटर |
वयस्क | 6 से 15 मिलीलीटर |
सेवन विधि (Directions)
दवा लेने का उचित समय (कब लें?) | खाना खाने के बाद लें |
दिन में कितनी बार लें? | 2 बार – सुबह और शाम |
अनुपान (किस के साथ लें?) | गुनगुने पानी के साथ |
उपचार की अवधि (कितने समय तक लें) | चिकित्सक की सलाह लें |
दुष्प्रभाव एवं सावधानियां Side Effects and Precautions
समान्यतः इस औषधि का कोई दुष्प्रभाव नहीं है, लेकिन फिर भी आप इस औषधि को किसी योग्य चिकित्सक की देखरेख में ही सेवन करें ।
गर्भावस्था एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इस औषधि का सेवन करने से पहले चिकित्सक से सलाह ले लेनी चाहिए ।
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