अंगूरासव सिरप क्या है? Angoorasava Syrup in hindi
अंगूरासव सिरप (Angoorasava Syrup) एक आयुर्वेदिक औषधि है जो मुख्य रूप से अंगूर से तैयार की जाती है अंगूर के अतिरिक्त इस ओषधि में अन्य कई जड़ी बूटियां भी प्रयोग की जाती है । अंगूर आसव को सामान्यता एक टॉनिक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है ।
इस टॉनिक का सेवन करने से खांसी जुखाम में आराम मिलता है तथा फेफड़ों से संबंधित समस्याओं में लाभ मिलता है । इसके अतिरिक्त इस ओषधि के अनेकों ऐसे गुण हैं जिनका वर्णन इस लेख में हम विस्तार से करेंगे ।
जैसा कि हमने आपको पर बताया अंगूरासाव का मुख्य घटक अंगूर होता हैं, जिस कारण इस टॉनिक का सेवन करने से कफ दूर होता है । यह टॉनिक पित्त को बढ़ाकर पाचन संस्थान को बल प्रदान करता हैं ।
इस टोनिक का सेवन करने से टीबी एवं फेफड़ों से संबंधित बीमारियां दूर होती हैं, शरीर को ताकत मिलती है, पाचन संस्थान मजबूत होता है, सिर दर्द एवं कब्ज जैसी समस्याओं में लाभ मिलता है । कुल मिलाकर यह टॉनिक शरीर को ताकत प्रदान करता है ।
अंगूरासव सिरप के घटक द्रव्य Angoorasava Syrup Ingredients
घटक द्रव्यों के नाम | मात्रा |
मीठे अंगूरों का रस | 10 किलोग्राम |
शर्करा | 5 किलोग्राम |
धाय के फूल | 5 किलोग्राम |
चिकनी सुपारी | 25 ग्राम |
लौंग | 20 ग्राम |
जावित्री | 20 ग्राम |
दालचीनी | 20 ग्राम |
तेजपात (तेजपत्ता) | 20 ग्राम |
सोंठ | 20 ग्राम |
काली मिर्च | 20 ग्राम |
पिप्पली | 20 ग्राम |
नागकेशर | 20 ग्राम |
अकरकरा | 20 ग्राम |
कमलकन्द | 20 ग्राम |
कूठ मीठा | 20 ग्राम |
बबूल की छाल | 20 ग्राम |
अंगूरासव सिरप के औषधीय गुण Angoorasava Syrup benefits in hindi
- यह टॉनिक जीवनी शक्ति को बढ़ाता है ।
- यह कफ नाशक है अर्थात कफ को दूर करने वाला टॉनिक है ।
- फेफड़ों में जमे हुए कफ को दूर करता है ।
- पाचक एवं दीपक है अर्थात जठराग्नि को प्रदीप्त कर भूख बढ़ाता है ।
- नींद को लाने में मदद करता है ।
- पित्त बढ़ाने वाला टॉनिक है ।
- शरीर को पोषण प्रदान करता है ।
- बलवर्धक है अर्थात शरीर को ऊर्जा एवं ताकत प्रदान करता है ।
- अरुचि को दूर कर रुचि बढ़ाता है ।
- वायु दोषों को दूर करने वाला टॉनिक है ।
- वीर्य वर्धक है अर्थात वीर्य बढ़ाता है ।
- हृदय को ताकत प्रदान करता है ।
अंगूरासव सिरप के फायदे Angoorasava Syrup uses in hindi
अंगूरासव का सेवन करने से फेफड़ों से संबंधित समस्याएं दूर होती हैं । फेफड़ों में यदि बलगम जमा हुआ हो तो वह नष्ट हो जाता है तथा फेफड़ों को नई ऊर्जा और बल मिलता है । अंगूरासव का सेवन करने से सर्दी, खांसी, जुखाम, सिर में भारीपन आदि में लाभ मिलता है, क्योंकि यह सभी समस्या कफ बढ़ने से होती हैं ।
अंगूर आसव का सेवन करने से कब्ज नष्ट होती है । इस टोनिक का सेवन करने से फेफड़ों का संक्रमण बहुत जल्दी ठीक होता है । सूखी खांसी एवं ब्रोंकाइटिस जैसी समस्याओं में बहुत जल्दी लाभ मिलता है ।
इसके सेवन करने से श्वसन तंत्र को भी लाभ मिलता है जिससे सांस लेने में दिक्कत होना जैसी समस्याओं में आराम मिलता है । शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता अर्थात इम्यून सिस्टम को बढ़ाता है । इसके सेवन करने से सांस की नली में सूजन कम होती है ।
अंगूरासव को एक हेल्थ टॉनिक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है । इसका सेवन करने से भूख खुलकर लगती है एवं पाचन संस्थान को बल मिलता है, जिससे शरीर को ताकत मिलती है । अंगूर आसव सामान्य रूप से होने वाली खांसी, जुखाम, नजला आदि में लाभ पहुंचाता है ।
अंगूर आसव में जो जड़ी बूटी प्रयोग की जाती हैं वह मुख्य रूप से कफ नाशक होती है एवं श्वसन तंत्र को भी लाभान्वित करती हैं । इसीलिए इस टॉनिक का सेवन करने से नाक बंद होना या नाक बहना, माथा या सिर का भारी होना, सिर दर्द होना जैसे समस्याओं में लाभ मिलता है ।
अंगूरासव सिरप की सेवन विधि एवं मात्रा
औषधीय मात्रा (Dosage)
बच्चे | 2.5 से 10 मिलीलीटर |
वयस्क | 10 से 30 मिलीलीटर |
सेवन विधि (Directions)
अंगूरासव लेने का उचित समय (कब लें?) | भोजन ग्रहण करने के पश्चात |
दिन में कितनी बार लें? | 2 बार – सुबह और शाम |
अनुपान (किस के साथ लें?) | सामान मात्रा में गुनगुना पानी मिलकर लें |
उपचार की अवधि (कितने समय तक लें) | कम से कम 12 सप्ताह तक प्रयोग करना चाहिए। |
सावधानियां Precautions
- इस टॉनिक का उपयोग रोगी की उम्र एवं उसकी शारीरिक शक्ति को देखते हुए ही किया जाना चाहिए ।
- इस टोनिक की ज्यादा मात्रा लेने पर कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं ।
- यह पित्त को बढ़ाने वाली औषधि है इसलिए जिन लोगों को पहले से ही पित्त की समस्या हो उन्हें इस औषधि का सेवन नहीं करना चाहिए ।
- इसे खाली पेट नहीं लेना चाहिए ।
- अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें एवं डॉक्टर की देखरेख में ही इसका सेवन करें ।
अंगूर आसव का सेवन कब ना करें? When it should be avoided?
गर्भावस्था एवं स्तनपान के दौरान इस दवा का सेवन नहीं करना चाहिए । जो शुगर अर्थात डायबिटीज के पेशेंट हैं उन्हें इस दवा का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसका सेवन करने से शुगर का स्तर बढ़ जाता है । इस दवा के सेवन के दौरान शुगर के पेशेंट को अपना शुगर लेवल नियमित रूप से चेक करवाते रहना चाहिए ।