Abhrak Bhasma ke Fayde in Hindi नमस्कार दोस्तों आज हम बात करेंगे अभ्रक भस्म के बारे में । अभ्रक भस्म एक आयुर्वेदिक ओषधि है जिसका निर्माण वैद्यनाथ, पतंजलि, डाबर कंपनियों के द्वारा किया जाता है । अभ्रक भस्म तीन रूपों में बाजार में उपलब्ध है । अभ्रक भस्म साधारण, अभ्रक भस्म शतपुती, तथा अभ्रक भस्म सहस्त्रपुटी । आगे विस्तार से जानते हैं अभ्रक भस्म के बारे में ।
अभ्रक भस्म बुखार, खांसी, भूख ना लगना, ग्रहणी, लीवर एवं प्लीहा के रोगों, सभी प्रकार के प्रमेह रोगों, एनीमिया अर्थात खून की कमी, पुरुषों के वीर्य संबंधी रोगों जैसे स्वपनदोष, शीघ्रपतन, नपुंसकता, सिरदर्द एवं अन्य मानसिक रोगों तथा हृदय रोगों में प्रयोग की जाती है ।
अभ्रक भस्म के गुण एवं तासीर Abhrak Bhasma ki Tasir
अभ्रक भस्म स्वाद में कसेली होती है तथा इसकी तासीर ठंडी होती है । इसीलिए अभ्रक भस्म का सेवन पुरुषों की विर्य संबंधी समस्याओं जैसे स्वपनदोष एवं शीघ्रपतन में किया जाता है । इस दवा के सेवन करन े से वीर्य गाढ़ा होता है तथा सप्त धातु पुष्ट होती हैं ।
अभ्रक भस्म के फायदे एवं उपयोग Abhrak Bhasma Benefits in Hindi
अभ्रक भस्म अनेक व्याधियों में प्रयोग की जाती है । नीचे हमने अभ्रक भस्म के सभी फायदे एवं उपयोग का वर्णन किया है ।
-
- यह दवा पुरुषों के गुप्त रोगों जैसे स्वपनदोष एवं शीघ्रपतन में लाभकारी होती है ।
- लिवर एवं प्लीहा की बीमारियों में फायदेमंद
- सामान्य बुखार या पुराने बुखार में फायदेमंद
- साधारण खांसी या दमा श्वास में शहद एवं पीपली पिपली के साथ सेवन कराने में से फायदा मिलता है ।
- पाचन तंत्र के लिए लाभदायक
- एनीमिया अर्थात रक्ताल्पता में लाभदायक
- ग्रहणी रोग में लाभदायक
- सभी प्रकार के प्रमेह रोगों में लाभदायक
- वात पित्त एवं कफ द्वारा पैदा होने वाले सभी रोगों में लाभदायक
- दिल की कमजोरी में लाभदायक
- सिरदर्द, मानसिक अवसाद, पागलपन, मिर्गी एवं अन्य मानसिक रोगों में लाभदायक
- टीवी एवं कुष्ठ रोग में लाभदायक
तो दोस्तों इस प्रकार हमने देखा कि यह होती कितने रोगों में फायदा करती है ।
मात्रा एवं सेवन विधि Abhrak Bhasma Dosage
अभ्रक भस्म को 125 मिली ग्राम से 250 मिली ग्राम दिन में दो से तीन बार सेवन किया जा सकता है । इस औषधि को मक्खन, दूध, घी या शहद के साथ सेवन कर सकते हैं । अधिक जानकारी के लिए अपने चिकित्सक से संपर्क करें ।